भगबान महावीर का जन्म कब और कहा हुआ था कब हुआ था ( When and where was Lord Mahavir born? )

भगबान महावीर का जन्म कब और कहा हुआ था कब हुआ था ( When and where was Lord Mahavir born? ) :- भगबान महावीर का जन्म वैशाली के कुण्डग्राम में 599 ईसा पूरव राजा सिद्धार्थ  और रानी त्रिशला के गर्व से जन्म हुआ। उस समय चैत्र शुक्ल तेरस का महीना चल रहा था।  उनके जन्म से राज्य में काफी उनती हुयी उस समय इसलिए भगबान महीवीर का नाम वर्धमान रखा गया। 

जब 30 वर्ष की आयु हुयी तब भगवन महावीर ने संसार के मोह माया को त्याग किया और फिर सन्याशी रूप धारण कर लिया और आत्मकल्याण के पथ पे निकल परे।  

बारह वर्ष तक कठिन तपस्या करने के बाद महावीर को ज्ञान की प्राप्ति हुयी जिस ज्ञान का नाम था केवल ज्ञान 72 वर्षो के आयु में उन्हें पावापुरी में मोक्ष की प्राप्ति हुयी। इतने दिनों के बिच में भगबान महवीर के कितने अनुयायी बने जिसमे मुख्य अनुआयी था कुणिक बिम्बिसार चेतक।  जैन धर्म के पहले तीर्थकर ऋषवदेव थे और अंतिम तीर्थकर के रूप में भगवन चौबीसवें तीर्थकर के रूप में जन्म लिए थे। जिस युग में जाट पाट की भेदभाव  हिंसा पशुबलि जैसा क्रूरता बढ़ गया उस युग में भगवान् का जन्म हुआ था।  

भगवान् महावीर ने इस युग में जन्म लेकर सत्य और अहिंसा का पथ पढ़ाया और अहिंसा को सबसे नैतिक गुण बताया। जैनसमाज द्वारा दीवाली के दिन को महावीर के जयंती को उनके मोक्ष दिवस के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है।  भगवान् महावीर का आत्मा इस धर्म जगत के प्रत्येक आत्मा के लिए सामान था।  उनके अनुसार दुनिया के सभी आत्मा एक सी है हम दूसरे के प्रति हमेसा वही व्यव्हार रखे जो हमें सयम को पसंद हो।  जियो और जीने दो यह महावीर का सिद्धांत था।  




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